नई दिल्ली: वायु प्रदूषण से देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के लोग बुरी तरह परेशान हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर दोगुना कर दिया है।
दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग संशोधन नियम-2024 प्रभावी होगा। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। बुधवार को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि वाले किसानों को अब 30,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को अब 2,500 रुपये की जगह 5,000 रुपये का पर्यावरण मुआवजा देना होगा और दो से पांच एकड़ रकबा के बीच वाले किसानों पर 5,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। पराली जलाने पर प्रतिबंध पूर्ण रूप से लागू रहेगा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के अनुसार शहर में 1 से 15 नवंबर तक प्रदूषण का चरम रहता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
पराली जलाने के पीछे मुख्य कारणों में धान-गेहूं की फसल प्रणाली, लंबी अवधि की धान की किस्मों की खेती, मशीनों से कटाई, जिसके कारण खेत में खड़ी पराली, मजदूरों की कमी और पराली के लिए व्यवहारिक बाज़ार की कमी शामिल है। इस बारे में अब तक किए गये विभिन्न अध्ययनों का अनुमान है कि पराली जलाने की चरम अवधि के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पीएम के स्तर में 30 प्रतिशत तक का योगदान पराली जलाने से होता है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए पंजाब और हरियाणा की सरकारों को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग को पराली जलाने की घटनाएं नहीं रोक पाने पर पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
हिन्दुस्थान समाचार