पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में 96 बंदी महापर्व छठ कर रहे हैं. इनमें 47 महिला के साथ-साथ 49 पुरुष भी लोक आस्था का महापर्व छठ कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस महापर्व काे जेल में बंद तीन मुस्लिम के साथ-साथ एक सिख धर्म के मानने वाले बंदी भी कर रहे है. केंद्रीय कारा में महिलाओं से अधिक इस बार पुरुष बंदी हैं जो लोक आस्था का महापर्व छठ कर रहे हैं.
छठ पूजा की तैयारी जेल प्रशासन द्वारा इस कदर की जाती है कि जेल में बंद बंदियों को यह एहसास नहीं होता कि वह घर में है या फिर अपनी गुनाहों की सजा काट रहे है. जेल प्रशासन जेल के अंदर तालाब को चारों तरफ से रंग रोगन करने के साथ-साथ पेंटिंग भी कराता है. इतना ही नहीं छठ व्रत करने वाले लोगों के लिए नए वस्त्र से लेकर पूजा पाठ करने का सारा सामान विधिवत रूप से जेल प्रशासन उपलब्ध कराता है.
जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने हि.स. से बातचीत में बताया कि इस बार जेल के अंदर महिलाओं से अधिक पुरुष बंदी लोक आस्था का महापर्व छठ कर रहे हैं. इसमें तीन मुस्लिम और एक सिख धर्म के मानने वाले भी शामिल है. आज नहाए-खाए के साथ अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है. सभी छठ व्रत करने वाले बंदी को नए कपड़े के साथ-साथ सभी पूजा में उपयोग होने वाली सुविधाएं मुहैया जेल प्रशासन करा देगी. साफ सफाई से लेकर पूरी तैयारी हो गई है. लोक आस्था का महापर्व जब जेल के अंदर होता है तो यह मनोरम दृश्य होता है. इस आस्था के महापर्व छठ का जेल के अंदर इतनी हर्षोल्लास से होना अपने आप में अदुतिय लगता है.
हिन्दुस्थान समाचार