बिहार में उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. खासकर प्रशांत किशोर की पार्टी जन जन सुराज अपने उम्मिदवारों को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं. चारों सीटों पर उम्मीदवार जंग की मैदान में हैं. इन्ही प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले और शिक्षा के स्तर को लेकर सवाल उठ रहे हैं. उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज हुए है. हत्या का प्रयास, रंगदारी, अपहरण और धोखाधड़ी आरोप लगाया गया है.
इन प्रत्याशियों पर लगे आरोप
- बेलागंज से 55 वर्षीय मोहम्मद अमजद को जनसुराज ने उम्मीदवार बनाया है. मोहम्मद अमजद पेशे से कृषि व्यापार से जुड़े हुए हैं. हलफनामा के अनुसार उन पर हत्या का प्रयास, रंगदारी और हमला करने का मामला दर्ज कराया गया है.
- इमामगंज सीट से 47 वर्षीय जितेंद्र पासवान चुनावी मैदान में हैं. पेशे से ये चिकित्सक हैं. इन पर अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट और चोरी जैसे मामले दर्ज है. चुनावी हलफनामा में जितेंद्र पासवान ने इस का जिक्र किया है. हालांकि, जितेंद्र पासवान के खिलाफ जो अपराधी के मामले दर्ज है, उसमें कई जांच के दौरान झूठे पाए गए और बाकियों में वह निर्दोष पाए गए हैं या कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया है.
- रामगढ़ सीट से प्रशांत किशोर की पार्टी ने 55 वर्षीय सुशील कुमार सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. पेशे से वे किसान हैं. सुशील कुमार के खिलाफ भी हत्या का प्रयास, चेक बाउंस और हमला जैसे केस दर्ज है.
- तरारी सीट से जन जन सुराज पार्टी ने किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इन पर किसी भी प्रकार के कोई आपराधिक मामले दर्ज नहीं हुए है.
शिक्षा के मामले में देखा जाए तो प्रशांत किशोर के चारों प्रत्याशियों में से एक ने भी 12वीं से ज्यादा पढ़ाई नहीं की है. किरण देवी और मोहम्मद अमजद केवल 10 वीं पास हैं. वहीं, जितेंद्र पासवान और सुशील कुमार सिंह कुशवाहा 12वीं पास हैं.
प्रशांत किशोर उम्मीदवारों के चयन पर घेरे में इसलिए आ गए है, क्योंकि अपनी पद यात्रा के दौरान उन्होंने बिहार की राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर सवाल थे. इसके अलावा उन्होंने तेजस्वी यादव के केवल 9वीं पास होने पर निशाना साधा था.
प्रशांत किशोर अपने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही विवादों में चल रहे हैं. पहले दो सीट पर उन्होंने अपने उम्मीदवार बदले फिर अब प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले को लेकर घेरे में आ गए है. ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रशांत किशोर के लिए ये चुनाव एक परीक्षा से कम नहीं है.