कोलकाता: पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल मंगलवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गई लेकिन राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच हुई बैठक से कोई समाधान नहीं निकल सका. कोलकाता के एस्प्लानेड क्षेत्र में अनशन पर बैठे दो और डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ गई.
सोमवार को स्वास्थ्य भवन में मुख्य सचिव मनोज पंत और 12 डॉक्टर संघों के प्रतिनिधियों की बैठक बेनतीजा रही. मुख्य सचिव पंत ने बैठक के बाद बताया कि डॉक्टरों ने अपनी मांगों पर तत्काल समयसीमा देने की बात कही, लेकिन प्रशासनिक कारणों से समयसीमा देना संभव नहीं है. उन्होंने दावा किया कि डॉक्टरों की 10 में से सात मांगें पहले ही पूरी की जा चुकी हैं, जबकि शेष तीन मांगों पर और विचार की जरूरत है.
भूख हड़ताल की शुरुआत 5 अक्टूबर को हुई थी, जो अस्पताल में 9 अगस्त को हुई एक पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद करीब 50 दिनों तक चले ‘कार्य बहिष्कार’ के दो चरणों के बाद शुरू की गई. सात जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं, जिनमें से कुछ की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी. सोमवार को ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के एक डॉक्टर ने भी भूख हड़ताल में शामिल होकर अपना विरोध दर्ज कराया.
हिन्दुस्थान समाचार