आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है बाकी दिनों की तरह इसका भी विशेष महत्व है. इस दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. ऋषि कात्यायनी के यहां जन्म लेने के कारण देवी मां को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है.
मां दुर्गा के साधक पंडित मनोज मिश्रा ने कहा कि मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता है. साथ ही उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता है. वहीं, जिन लोगों को शादी होने में दिक्कतें आ रही हैं वे आज मां कात्यायनी की पूजा जरूर करें. मां कात्यायनी की आराधना करने से मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ति शीघ्र होती है. भगवान कृष्ण को पाने के लिए गोपियों ने मां कात्यायनी की पूजा की थी.
बता दें कि आदि स्वरूपा जगदम्बा मां दुर्गा का ये स्वरूप अत्यंत ही दिव्य है. इनका रंग सोने के समान चमकीला है. इनकी चार भुजाओं में से ऊपरी बायें हाथ में तलवार और नीचले बायें हाथ में कमल का फूल है. इनका ऊपर वाला दायां हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे का दायां हाथ वरमुद्रा में है. पंडित मनोज मिश्रा ने कहा कि माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है. नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी को शहद या शहद से बनी खीर और शहद वाले हलवे का भोग जरूर लगाएं. शहद वाली खीर चावल, दूध और शहद से बनाई जाती है. शहद वाली खीर का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा मां कात्यायनी को गुड़ भी अर्पित कर सकते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार