केरल राजधानी कोच्चि के चेराई गांव जो कि पर्यटक आकर्षण बना हुआ है. लेकिन इस गांव के लगभग 610 लोगों ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया है. संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को एक पत्र भेजकर वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए अपने सुझाव दिए हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि 2022 तक उनकी जिंदगी सामान्य चल रही थी, लेकिन अब उन्हें अचानक से पता चलाता है कि जिस जमीन पर वे रह रहे हैं, वो उनकी संपत्ति नहीं रही. इसके बाद उन्होंने सरकार से मांग की कि वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करके उनकी समस्याओं का समाधान निकाले.
ग्रामीणों ने बताया कि यह भूमि 1902 में सिद्दीकी सैत ने खरीदी थी और बाद में 1950 में फारूक कॉलेज को दान कर दी गई थी. 1975 में मछुआरों और कॉलेज के बीच चल रहे मामले पर उच्च न्यायालय ने कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाया. 2022 में अचानक यह दावा किया गया कि गांव वक्फ बोर्ड की जमीन पर स्थित है.