सहरसा। प्राउटिष्ट सर्व समाज की अगुवाई में भारत के सभी प्रमुख चौवालिस जन गोष्ठी आधारित समाजों का अपने-अपने जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन बुधवार को किया गया। इसी क्रम में ऐतिहासिक मिथिला के सहरसा जिला सहित इसके सभी जिले में भी प्रगतिशील मिथिला समाज के द्वारा धरना दिया गया। तत्पश्चात जिला पदाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री को दस सूत्री स्मार पत्र भेजा गया।
धरना को संबोधित करते हुए प्राउटिष्ट सर्व समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य रणधीर देव ने कहा कि जब तक सबके जीवन में क्रय शक्ति की गारंटी नहीं मिल जाती यानी शत-प्रतिशत रोजगार नहीं मिल जाता।स्थानीय संसाधन पर स्थानीय विकास हेतु उपक्रम खड़ा नहीं हो जाता। किसानों को कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं मिल जाता,राजनैतिक आजादी को धोखा ही माना जायेगा, क्योंकि आज भी भारत का गांव भारत के ही महानगरों में रहने वाले मुट्ठी भर लोगों का उपनिवेश गुलाम बना हुआ हैं। इससे मुक्ति मिलने पर ही सही मायने में सबके जीवन में राजनैतिक और आर्थिक आजादी नसीब होगा।
प्रगतिशील मिथिला समाज के जिला सचिव अधिवक्ता शंकर कुमार ने कहा कि भारत की विविधता जन गोष्ठी को लेकर है। जिसमें ऐतिहासिक मिथिला भी एक जन गोष्ठी है। हमें मिथिला के लोगों को मिथिलांचल के ही संसाधन से पूर्ण आत्मनिर्भर बनाना है और यह तब होगा जब मिथिलांचल के संसाधन को कच्चे माल के रूप में बाहर जाने से रोकने का कानून बनेगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन रंजीत कुमार मेहता ने किया। धरना में लगभग सौ लोगों ने भाग लिया ।
हिन्दुस्थान समाचार