अररिया। फारबिसगंज में लगातार तीन दिनों से चल रहा अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन शनिवार को टूट गया,जिसके साथ ही चिकित्सक काम पर लौट आए।डीएम के पहल पर चिकित्सकों का यह हड़ताल चौथे दिन टूटा। दरअसल मामले की जांच को लेकर डीएम अनिल कुमार के द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी, जिसमें सिविल सर्जन डा. के. के. कश्यप,जिला भू अर्जन पदाधिकारी वसीम अहमद और चिकित्सक डा.जितेंद्र कुमार शामिल थे।तीन सदस्यीय जांच टीम के द्वारा डीएम को शनिवार को रिपोर्ट सौंपी गई,जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर सील बंद शकुंतला आरोग्य केंद्र नर्सिंग होम का मजिस्ट्रेट के रूप में मौजूद पीएचसी प्रभारी डा.राजीव बसाक ने ताला खोलकर ताला और चाभी अस्पताल के संचालक चिकित्सा डा.मनोरंजन शर्मा को सौंप दिया।
चिकित्सकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को आईएमए और भासा दोनों संगठनों का समर्थन प्राप्त था।चिकित्सक के फर्जी आधार पर अस्पताल के सील खोलने की मांग को लेकर अडिग चिकित्सकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को खत्म करने का ऐलान वरिष्ठ चिकित्सक और भासा के अधिकारी डा.अजय कुमार सिंह, आईएमए के डा.एम.पी.गुप्ता और डा. हरि किशोर सिंह ने किया।जिसके बाद शहर के तीन दिनों से बंद सभी निजी अस्पताल और क्लीनिक को खोलकर चिकित्सक काम पर लौट आए।चिकित्सकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का समर्थन भी प्राप्त था और चौबीस घंटे से सभी दवा दुकानदार भी हड़ताल पर थे।
डा.अजय कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश पर अवैध कहकर गैर कानूनी तरीके से सील किए गए शकुंतला आरोग्य केंद्र नर्सिंग होम के सील को खोल दिया गया है।अवैध कहकर अस्पताल को सील किया गया था,जो कानून सम्मत नहीं था और डॉक्टरों की मांग में यह प्रमुख मांग थी कि अस्पताल का सील खोला जाय।डा.अजय कुमार सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया गया था।कमिटी के द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई।रिपोर्ट के आधार पर डीएम के आदेश पर पीएचसी प्रभारी द्वारा सील बंद अस्पताल का सील खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है बिहार में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है। जिसके तहत पुलिस द्वारा मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग करते हुए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अस्पताल में हुए क्षति का आकलन कर कोर्ट को रिपोर्ट करे।
डा.सिंह ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधान के तहत अस्पताल में हुए डैमेज का आकलन कर मार्केट वैल्यू से तीन गुणा हर्जाना आरोपियों से वसूले जाने का प्रावधान है।उन्होंने हर्जाना वसूल कर पीड़ित चिकित्सक डा.मनोरंजन शर्मा को दिए जाने की मांग की।उन्होंने अस्पताल में हुए क्षति और चिकित्सक के साथ मारपीट का वीडियो प्रमाण के तौर पर मौजूद होने की बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार