पटना में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यालय में सोमवार को दिलचस्प ड्रामा देखने काे मिला. पार्टी के कार्यालय में प्रत्येक दिन की भांति मंत्री का जनता दरबार लगता है. आज मंत्री विजेंद्र यादव की बारी थी. वे समय पर पार्टी के ऑफिस पहुंच गये लेकिन कुछ देर गुस्से में लाल-पीला होकर बाहर निकल गये. मीडिया ने पूछा क्या हुआ. विजेंद्र यादव ने जवाब दिया-मैं जदयू में नहीं हूं.
दरअसल, मंत्री विजेंद्र यादव जब पार्टी दफ्तर में जनता दरबार लगाने पहुंचे तो देखा कि वहां पूरे बिहार के जदयू नेताओं का हुजूम मौजूद है. विजेंद्र बाबू इतनी बड़ी संख्या में पार्टी के नेताओं को ऑफिस में देख कर हैरान हुए. आलम ये था कि पार्टी ऑफिस में जहां मंत्रियों का जनता दरबार लगता है, वहां भी कोई इंतजाम नहीं था. वहां भी जदयू नेताओं ने कुर्सियों पर कब्जा जमा लिया था. जबकि मंत्रियों के जनता दरबार में पार्टी के आम कार्यकर्ताओं आते हैं और अपनी शिकायत-समस्या को रखते हैं. लेकिन आज का नजारा अलग था.
मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने वहां मौजूद पार्टी नेताओं से पूछा कि पूरे बिहार के जदयू नेता क्यों पहुंचे हैं. उन्हें जानकारी दी गयी कि आज विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू की अहम बैठक है. पार्टी के तमाम प्रदेश पदाधिकारियों, प्रकोष्ठों के नेताओं के साथ साथ जिलाध्यक्षों को बैठक में बुलाया गया है. पूरे दिन बैठक चलनी है. विजेंद्र यादव ये खबर सुनकर हैरान हो गये. जदयू की इतनी अहम बैठक की कोई जानकारी विजेंद्र यादव को नहीं थी. पार्टी के किसी नेता ने उन्हें बैठक की सूचना तक नहीं दी थी.
नीतीश मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव हैं. वे 2005 से लेकर अब तक लगातार राज्य सरकार में मंत्री हैं. बिहार सरकार में ऐसा कोई दूसरा मंत्री नहीं है. उससे पहले लंबे अर्से तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन उन्हे जदयू के अहम बैठक की कोई खबर तक नहीं थी. बैठक में नीतीश के संजय झा, मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, संजय गांधी, ललन सर्राफ, नीरज कुमार जैसे नेताओं को मंच पर बिठाया गया था. लेकिन विजेंद्र बाबू को आम नेता की तरह भी नहीं पूछा गया था.
इस पूरे प्रकरण से नाराज मंत्री विजेंद्र यादव पार्टी से दफ्तर से निकल गये. उन्होंने बाहर निकल कर मीडिया से कहा कि मैं जदयू में नहीं हूं. इसके बाद जदयू के नेताओं में खलबली मची. विजेंद्र यादव न सिर्फ बिहार के सबसे सीनियर मंत्री हैं बल्कि कोसी इलाके में उनकी मजबूत पकड़ है. वे नीतीश कुमार के भरोसेमंद लोगों में माने जाते हैं. उनके नाराज होकर पार्टी ऑफिस से बाहर निकलने के बाद बैठक आयोजित करने वाले सारे नेता बेचैनी में आ गये।
मनाने के बाद बदले विजेंद्र यादव के सुर
जदयू सूत्रों के मुताबिक नाराज होकर निकले मंत्री विजेंद्र यादव की मान-मनौव्वल में पूरी पार्टी लग गयी। मंत्री अपने विभाग में चले गये तो वहां पार्टी नेताओं का जत्था पहुंच गया। बड़ी आरजू-मिन्नत कर उन्हें मनाया गया। बैठक आयोजित करने वाले नेताओं ने माफी मांगी, बाहर गलत मैसेज जाने का हवाला दिया। तब जाकर विजेंद्र बाबू माने। वे पार्टी की मीटिंग में शामिल होने के लिए वापस प्रदेश कार्यालय पहुंचे। वहां मीडिया ने फिर उनसे सवाल किया कि आप तो कह रहे थे कि जदयू में नहीं है। तब मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब दिया-वो तो मैं मजाक कर रहा था.
हिन्दुस्थान समाचार