राहुल गांधी के आरक्षण को खत्म करने वाले बयान से राजनीति में घमासान मच गया है. केद्र मंत्री और LJP(RV) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आरक्षण को खत्म करना तो दूर, सोचना भी अपराध है. इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को उनके नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है.
चिराग पासवान ने कहा कि आज राहुल गांधी के आरक्षण के बयान से कांग्रेस की मानसिकता का पता चल रहा है. कांग्रेस चाहती है कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए और ये उनकी प्राथमिकताओं में रहा है. संवैधानिक व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए आरक्षण जरूरी है. ऐसे में आरक्षण को खत्म करना तो दूर की बात है कोई उस प्रावधान से छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोच सकता.
‘कांग्रेस की सोच आरक्षण विरोधी’
चिराग ने आगे कहा कि कांग्रेस ऐसे बयानों से लोगों को गुमराह करते आए हैं. आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का चुनावी जुमला है, जिससे हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है. काग्रेस इतने सालों तक सत्ता में पहने के बाद भी न तो जातीय जनगणना करा पाई और ना ही ओबीसी आरक्षण को ही लागू कर पाई. इससे ये स्पष्ट है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण के खिलाफ रहा है.
आरक्षण समाप्त करना तो दूर, सोचना भी अपराध है राहुल गांधी जी !
आज राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है, और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए। संवैधानिक…
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) September 10, 2024
उन्होंने आगे कहा कि आरक्षण को खत्म करने की साजिश का दोषारोपण ये दूसरों पर करते हैं, जबकि वास्तव में ये मानसिकता इन लोगों की ही है. दोनों गठबंधनों में कितना फर्क है कि एक ओर नेता प्रतिपक्ष आरक्षण समाप्त करने की सोच रखते हैं तो दूसरी तरफ एनडीए के सर्वमान्य नेता आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी आरक्षण के सभी प्रावधान को वैसे ही लागू रखने के लिए कृतसंकल्प हैं.
मायावती ने भी राहुल गांधी पर साधा निशाना
बता दें कि इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राहुल गांधी के आरक्षण के बयान पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने का सपना देख रही है. इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी.