सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी का आज दूसरा दिन है. ये दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए बेहद खास है. प्रधानमंत्री ने आज गुरुवार को सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग ने मुलाकात की. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए चार समझौतो ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौता ज्ञापन डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य र चिकित्सा क्षेत्र तथा शैक्षिक सहयोग और कौशल विकास पर आधारित हैं.
‘निवेश के लिए भारत आएं’
इसके बाद प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के उद्योगपतियों से मुलाकात कर उन्हें भारत में निवेश करने का आग्रह किया. पीएम ने कहा, “यह मेरा तीसरा कार्यकाल है. जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है. इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है. अगर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कोई एविएशन सेक्टर है, तो वह भारत में है. एमआरओ होना हमारी प्राथमिकता है. आपको (व्यवसायों को) एयरपोर्ट्स के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं. भारत में राजनीतिक स्थिरता है. हम सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहे हैं. हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं. भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं. भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. मैंने देखा कि जो एक विषय प्रमुख रूप से नजर आ रहा है, वह skill development का है. भारत में हम इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए और और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र को देखते हुए skill development पर बहुत बल दे रहे हैं.”
पीएम ने कहा कि भारत की जरुरतों के साथ स्किल डेवलपमेंट संबंध एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है. अगर आपकी कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें, डिमांड का विश्लेषण करें और उसके अनुसार भारत में स्किल डेवलपमेंट के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से लोगों को समझा सकते हैं.
हमने पूरी दुनिया को एक वादा किया है. हम ग्लोबल वार्मिंग को एक चुनौती मानते हैं.हम सिर्फ अपनी संवेदना व्यक्त कर अटकने वाले लोग नहीं हैं, हम समाधान देने वाले लोग हैं.