उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित मदरसे पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद जांच में कई अहम बातें सामने हैं. इस मदरसे में नकली नोटों का अवैध धंधा चल रहा था. कुछ दिन पहले मौलवी समेत 4 लोगों को सौ–सौ के नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
अब पुलिस के लिए कई दस्तावेज लगे हैं. जिनसे कई खुलासे हुए हैं. पुलिस ने मदरसे से कई किताबें बरामद की थी. इन्हीं किताबों के जरिए मदरसे का मौलाना मुस्लिम बच्चों का ब्रैनवॉश करता था और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खिलाफ बच्चों के कोमल मन में जहर घोलने का काम करता था. यूपी एटीएस इस मदरसे से पढ़कर निकले हुए 630 बच्चों की तलाश में भी जुट गई है. बत दें इस मदरसे का नाम जामिया हबीबिया मस्जिद ए आज़म है और प्रयागराज जनपद के अतरसुइया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
महाराष्ट्र के पूर्व DIG की किताब
आरएसएस के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाली इस किताब में लेखक के तौर पर एमएस मुशर्रफ का नाम लिखा हुआ है. लेखक को महाराष्ट्र पुलिस का पूर्व आईजी बताया गया है. पुलिस का कहना है कि मदरसे के मौलवी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी.
मदरसे को होती थी विदेशी फंडिंग
बता दें पुलिस को जांच में ये भी पता लगा कि मदरसे को तुर्की, सऊदी अरब और दुबई से आर्थिक मदद की जा रही थी. जानकारी के अनुसार, इन देशों के जरिए हर साल 48 लाख रूपये भेजे जाते थे. मदरसा को संचालित करने वाली कमेटी का कहना है कि मदद के तौर पर यह रकम भेजी जाती थी.
28 अगस्त को पुलिस ने मारा था छापा
28 अगस्त जब जनधन योजना को 10 साल पूरे हुए थे. पुलिस ने उसी दिन इसी मदरसे में छापा मारा था और नकली नोटों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने मौलवी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. पुलिस ने अभियुक्तों के पास से नोटों की गड्डी बरामद की थी. एक लाख तीस हजार रुपये के नकली नोट बरामद किये थे. साथ ही मदरसे से लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, अर्ध निर्मित नोट और 234 पेज बरामद किया गए थे.
दो आरोपी प्रयागराज के, दो ओडिशा के रहने वाले
आरोपी, अफजल और शाहिद प्रयागराज जनपद के करेली थाना क्षेत्र के निवासी हैं. मोहम्मद जाहिर और मौलाना तफ़्सीरुल यह दोनों उड़ीसा राज्य के रहने वाले हैं. पिछले कई वर्षों से मौलवी, प्रयागराज जनपद के अतरसुइया स्थित मदरसे में रह रहा था और प्रयागराज जनपद के खुल्दाबाद और करेली आदि क्षेत्रों में नकली नोट बेचने के धंधे में शामिल था.