नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जन-धन योजना को आज 10 साल पूरे हो गए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को जन-धन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत अबतक 53.13 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, जिसमें 2.3 लाख करोड़ रुपये की धनराशि जमा है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में तीन करोड़ से अधिक और जन-धन खाता खोलने का लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्रालय ने आज बयान जारी कहा कि 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना आज सफलतापूर्वक अपने क्रियान्वयन का एक दशक पूरा कर रही है. पीएमजेडीवाई दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल है, वित्त मंत्रालय अपने वित्तीय समावेशन हस्तक्षेपों के माध्यम से हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सहायता प्रदान करने का निरंतर प्रयास करता है.
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने संदेश में कहा कि वित्तीय समावेशन और सशक्तिकरण को प्राप्त करने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक और किफायती पहुंच आवश्यक है. यह गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में एकीकृत करता है और हाशिये पर पड़े समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सीतारमण ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं, जबकि 55 प्रतिशत खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं.
वित्तमंत्री ने कहा कि बैंक खाते, छोटी बचत योजनाएं, बीमा और ऋण सहित सार्वभौमिक, सस्ती और औपचारिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करके पीएम जन-धन योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग और वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है. इस पहल की सफलता 53.13 करोड़ लोगों को जन-धन खाते खोलने के माध्यम से औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाने में परिलक्षित होती है. इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि जमा हुई है. इसके परिणामस्वरूप 36 करोड़ से अधिक निःशुल्क RuPay कार्ड जारी किए गए हैं, जो दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान करते हैं.
सीतारमण ने कहा कि जनधन-मोबाइल-आधार को जोड़ने के माध्यम से बनाई गई सहमति-आधारित पाइपलाइन वित्तीय समावेशन पारिस्थितिकी तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक रही है. इसने पात्र लाभार्थियों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित, निर्बाध और पारदर्शी हस्तांतरण संभव बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि पीएमजेडीवाई केवल एक योजना नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी आंदोलन है, जिसने बैंकिंग सेवाओं से वंचित कई लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान की है और वित्तीय सुरक्षा की भावना पैदा की है. गौरतलब है कि जन-धन योजना के तहत खाता खोलने का कोई शुल्क या रखरखाव शुल्क नहीं है. इसके अलावा इस उकाउंट में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार