प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड के दो दिवसीय दौरे पर गए थे. इस दौरान उनकी पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टस्क से द्वीपक्षीय वार्ता हुई. जिसके बाद भारत और पोलैंड एक पांच-वर्षीय कार्य योजना तैयार करने और निष्पादित करने पर सहमत हुए जो वर्ष 2024-2028 में द्विपक्षीय सहयोग का मार्गदर्शन करेगा.
यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने में जुटे भारत ने मध्य यूरोप में आर्थिक तौर पर काफी तेजी से प्रगति की है. पोलैंड के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया है. दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी के तहत वर्ष 2024-28 के लिए द्विपक्षीय रिश्तों के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई लक्ष्य तय किये हैं. गुरुवार को वारसा में पोलैंड के पीएम डोनाल्ज टस्क और पीएम नरेद्र मोदी के बीच हुई बैठक में यह फैसला किया गया.
आपको बता दें कि 45 वर्षों बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड की यात्रा की है. वहीं पीएम मोदी का टस्क सरकार ने बहुत ही जबरदस्त स्वागत किया है. दोनों प्रधानमंत्रियों ने कारोबार व निवेश, प्रौद्योगिकी व शहरी ढांचागत क्षेत्र में रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने पर खास जोर दिया है. पोलैंड अभी मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है ऐसे में मोदी ने अपनी इस यात्रा के बाद द्विपक्षीय कारोबार के और बढ़ने की संभावना जताई है. साथ ही प्रशिक्षित व कुशल भारतीय कामगारों को पोलैंड में ज्यादा अवसर देने को लेकर दोनों सरकारों के बीच एक समझौता करने पर भी सहमति बनी है. प्रशिक्षित कामगारों की भलाई और मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों के बीच सोशल सिक्यूरिटी एग्रीमेंट पर सहमति बनी है. इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने पर सहमति बनी है.
टस्क के साथ व्यक्तिगत व आधिकारिक वार्ता के दौरान आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि, “राजनयिक संबंधों के 70वीं वर्षगाांठ पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है. हमने संबंधों को एक नई दिशा देने के लिए कई नये अवसरों की पहचान की है. हमारी संसदों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाया जाना चाहिए. आर्थिक सहयोग को व्यापक रूप प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र को जोड़ा जाएगा. खाद्य प्रसंस्करण में पोलैंड वर्ल्ड लीडर है. हम चाहते हैं कि ये भारत में बन रहे मेगा फुड पार्क से जुड़ें. भारत में तेज गति से हो रहे शहरीकरण से जल शोधन, कचरा प्रबंधन, शहरों में ढांचागत सुविधा लगाने में भी पोलैंड की कंपनियों के लिए काफी अवसर हैं.
रक्षा के क्षेत्र में करीबी सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है. इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को सुदृढ़ बनाया जाएगा. पीएम ने आगे कहा कि, “जनवरी 2025 में पोलैंड यूरोपियन यूनियन की अध्यक्षता संभालेगा . मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग से भारत और ईयू के संबंधो को बल मिलेगा.”