कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलेगा. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उनके खिलाफ केस लड़ने की मंजूरी दे दी है. दरअसल सीएम सिद्धारमैया पर जमीन आवंटन में घोटाला करने का आरोप है. MUDA मामले में राज्यपाल ने पिछले दिनों सीएम सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस भेजा था.
नोटिस में उनसे पूछा गया था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस लड़ने की अनुमति क्यों ना दी जाएं? इसके बाद से ही ऐसा कहा जाने लगा कि गवर्नर किसी भी दिन सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे सकते हैं और आज उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी. बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम ने सीएम के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
अब्राहम ने राज्यपाल से सीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस लड़ने की मांग की थी. ऐसा इसलिए क्योंकि मंजूरी बिना के बिना मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. इसके साथ ही अब्राहम ने सिद्धारमैया की पत्नी, बेटे और मुडा के कमिश्नर के खिलाफ मामला चलाने की मांग की थी.
Karnataka Governor Thaawarchand Gehlot granted permission to the competent authority to prosecute CM Siddaramaiah in alleged MUDA scam: Raj Bhavan
— ANI (@ANI) August 17, 2024
जानिए पूरा मामला?
सीएम सिद्धारमैया ने 2021 में मुडा ने विकास के लिए मैसूरु के केसारे गांव में अपनी पत्नी पार्वती की 3 एकड़ जमीन अधिग्रहित की. इसके बदले में उन्हें दक्षिण मैसूर के पॉश इलाके विजयनगर में जमीन आवंटित किए गए. विजयनगर की जमीन की कीमत उनकी जमीन की तुलना में काफी ज्यादा है. आरोप लगाया गया कि MUDA द्वारा इन जमीनों के आवंटन में अनियमितता बरती गई.
अब्राहम ने अपनी शिकायत में बताया कि 2023 के विधानसभा चुनावी हलफनामे में सिद्धारमैया ने अपनी पत्नी के स्वामित्व का खुलासा करने में असफल रहे थे. बता दें कि MUDA कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है. ये एजेंसी शहरी विकास को बढ़ावा देने का काम करती है. इसके साथ ही लोगों को किफायती दाम में घर उपलब्ध कराना है.