राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. दिल्ली शराब आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल जेल में हैं. अब ऐसे में आप ने फैसला लिया कि झंडा फहराने के लिए मंत्री आतिशी का नाम लिया, लेकिन इस फैसले को लेकर उपराज्यपाल ने रोक लगा दी है. इसके बाद LG ने झंडा फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत का नाम चयन किया है.
अतिशी का आरोप
अब इस पर अतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘दिल्ली की चुनी हुई सरकार को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है. नए वायसराय आए हैं, वे राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि एलजी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं, राष्ट्रीय ध्वज फहराना चुनी हुई सरकार का अधिकार है.
आतिशी ने आगे कहा कि आज दिल्ली सरकार के झंडा फहराने का अधिकार से रोका जा रहा है, तो ऐसे में लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं.
आतिशी ने कहा, “दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री को झंडा फहराने का अधिकार है लेकिन वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं, तो उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने को कहा. इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को भी मानने से इनकार कर दिया.”
तिशी के झंडा फहराने के प्रस्ताव को खारिज
दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने आतिशी के झंडा फहराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इससे अब ये साफ हो गया है कि अब स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आतिशी राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा सकेंगी. हालांकि इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए नियमों का हवाला दिया गया. जीएडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश कानूनी रूप से अवैध हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता. जेल नियमों के मुताबिक इसकी इजाजत नहीं है.”