पेरिस: मीराबाई चानू का लगातार दूसरे ओलंपिक पदक के लिए साहसी प्रयास निराशाजनक रूप से समाप्त हो गया. टोक्यो खेलों की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू बुधवार देर रात साउथ पेरिस एरिना के भारोत्तोलन हॉल में कुल 199 किग्रा के साथ चौथे स्थान हासिल किया. वो इस ओलंपिक में पदक से चूक गईं.
पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 49 किलोग्राम भारोत्तोलन स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहने के बाद, भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने निराशा व्यक्त करते हुए भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए कड़ी मेहनत करने की कसम खाई है.
उन्होंने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “मैंने देश के लिए पदक जीतने की पूरी कोशिश की, लेकिन आज मैं चूक गई. यह खेल का एक हिस्सा है, हम सभी कभी जीतते हैं और कभी हारते हैं. अगली बार मैं देश के लिए पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी. मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगी और अगले गेम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी.”
#WATCH | Paris: Indian Weightlifter Mirabai Chanu speaks on finishing 4th in women's 49 kg weightlifting event at #ParisOlympics2024
She says, "I tried my best to win a medal for the country but I missed it today…It is a part of the game, we all sometimes win and sometimes… pic.twitter.com/hPyYCt7AOL
— ANI (@ANI) August 7, 2024
बता दें पदक सुनिश्चित करने के लिए 200 किग्रा से अधिक का कुल वजन उठाने के स्पष्ट लक्ष्य था लेकिन शीर्ष भारतीय भारोत्तोलक एक किग्रा से पोडियम स्थान से चूक गईं. जिसके बाद वो भारत के लिए मेडल नहीं ला सकीं.
मीराबाई ने अपने तीसरे प्रयास में 88 किग्रा का सर्वश्रेष्ठ स्नैच प्रयास किया. उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में 111 किग्रा का क्लीन एंड जर्क मार्क दर्ज किया, जबकि पदक सुनिश्चित करने के लिए 114 किग्रा का उनका अंतिम प्रयास सफल नहीं रहा. अपने कम शारीरिक वजन के कारण, भारतीय खिलाड़ी 112 किग्रा के सफल क्लीन एंड जर्क प्रयास के साथ भी कांस्य पदक प्राप्त कर सकती थी और थाईलैंड की सुदोरचना खंबाओ के साथ कुल 200 किग्रा की बराबरी कर सकती थीं, लेकिन सफल नहीं हो सकीं.
बता दें चीन की होउ झिहुई ने कुल 206 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता, रोमानिया की मिहेला वैलेंटिना कैम्बेई ने 205 किग्रा के साथ रजत पदक जीता और थाईलैंड की सुरोदचाना खंबाओ ने 200 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता.
पहला स्नैच इवेंट था, जिसमें भारोत्तोलक को बारबेल उठाकर एक ही बार में अपने सिर के ऊपर उठाना होता है. दूसरा क्लीन-एंड-जर्क इवेंट था, जिसमें भारोत्तोलक को बारबेल उठाकर अपनी छाती तक लाना होता है (क्लीन) और फिर अपनी बाहों और पैरों को फैलाकर सीधी कोहनी से उसे सिर के ऊपर उठाना होता है (जर्क). भारोत्तोलकों को तब तक इसे वहीं पर रखना होता है जब तक बजर बज न जाए.
भारत ने अब तक पेरिस ओलंपिक में तीन कांस्य पदक जीते हैं और सभी निशानेबाजी में आए हैं.
हिन्दुस्थान समाचार