नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में तीन यूपीएससी परीक्षार्थियों की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर, जिले के डीसीपी और जांच अधिकारी को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी.
हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम से गुरुवार तक हलफनामा दाखिल कर अब तक उठाए गए कदम के बारे में बताने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम ने अब तक क्या किया. रास्ते से गुजरते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि दिल्ली नगर निगम के कितने अधिकारी गिरफ्तार हुए. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तुरंत जिम्मेदारी तय की जाए.
हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर, जिले के डीसीपी और जांच अधिकारी को सभी फाइलों के साथ अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. साथ ही सभी पक्षकारों से कल तक जवाब दाखिल करने को भी कहा है। हाई कोर्ट ने राजेंद्र नगर के सभी अतिक्रमणों को 2 अगस्त तक हटाने का भी आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा राजेंद्र नगर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि 2019 में होटल में आग लगने से एक आईआरएस और एक विदेशी की मौत हो गई थी। कुछ महीने पहले मुखर्जी नगर की कोचिंग में आग की घटना और नर्सिंग होम में लगी आग की घटना भी हुई. हम ऐसी जगह रह रहे हैं, जहां लोग आग और पानी से मर जा रहे है. हम जंगल में रह रहे हैं जहां लोग आग और पानी से मर रहे हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि साल 2023 में कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और अन्य स्थानीय अधिकारियों को निर्देश भी जारी किया था। एक साल बीत गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि इस साल 26 जून को कोचिंग सेंटर के अवैध संचालन के संबंध में प्रशासन को एक पत्र भेजा गया था लेकिन उस पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. अगर समय पर कार्रवाई की गई होती तो उन तीन लोगों की जान बचाई जा सकती थी. रिहायशी इलाकों में बेसमेंट में कई लाइब्रेरी चल रही हैं लेकिन पता नहीं क्यों नगर निगम बिल्कुल शांत है. कई मौजूदा कमिश्नरों की वहां संपत्ति है जो एक कड़वा सच है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है कि अखिर किस चीज ने अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोका है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा दिल्ली के पटेल नगर, करोल बाग, राजेंद्र नगर में बहुत सी बहुमंजिला इमारतें हैं. एक इमारत में करीब 50-60 छात्र रह रहे हैं. यहां तक कि बेसमेंट में भी छात्रों के पीजी चल रहे हैं. सरकार ने प्रत्येक इलाके में अवैध निर्माण को रोकने के लिए नगर निगम का नुमाइंदा नियुक्त किया है लेकिन वे काम नहीं कर रहे हैं. फायर डिपार्टमेंट जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिला स्तर के अधिकारी को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए.
कुटुंब नामक संस्था की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में चल रहे कोचिंग संस्थानों के अनधिकृत व्यावसायिक निर्माण और बिना किसी मानक के चलाए जाने की जांच का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि विभागों के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से पिछले कुछ सालों में कई जानें चली गईं. याचिका में दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली फायर सर्विस को पक्षकार बनाया गया है.
वकील सत्यम सिंह ने कार्यकारी चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरीज का सुरक्षा आडिट कराया जाए. पत्र में मांग की गई है कि दिल्ली नगर निगम के सभी नियमों, आग से सुरक्षा संबंधी नियमों और बिल्डिंग से जुड़े सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए. पत्र में कहा गया है कि बाढ़ से सुरक्षा से उपकरण स्थापित किए जाएं और नालियों की उचित व्यवस्था हो खासकर बेसमेंट के लिए. पत्र में मांग की गई है कि इस पत्र पर हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान ले और कार्यवाही करे.
इसके पहले एक राष्ट्रीय प्रवासी मंच की ओर से वकील एपी सिंह ने एक याचिका दायर की है। याचिका में दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा के लिए उपाय करने की मांग की गई है. याचिका में इस घटना में मृतक तीन छात्रों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट दिल्ली नगर निगम को दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम करने और एहतियात के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने इस कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को आज ही गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन दोनों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, ड्रेनेज सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.
हिन्दुस्थान समाचार