दरभंगा में सोमवार की रात विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और मंत्री मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई. उनका शव घर से संदिग्ध अवस्था में मिला है. अपराधी मौके से फरार हो गया. फिलहाल हत्या के पीछे का कारण नहीं पता चल पाया है. हत्या की जांच के लिए एसपी की अगुवाई में SIT टीम गठित की गई है. बता दें कि मुकेश सहनी हाल ही में राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ हेलिकॉप्टर यात्रा से चर्चा में आए थे. मुकेश सहनी की गिनती दिग्गज नेताओं में होती है. उनकी अपनी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) पार्टी है. वे बिहार में पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री रह चुके हैं.
गांव में अकेले रहते थे जीतन सहनी
जानकारी के अनुसार मुकेश सहनी जल्द ही मुंबई से अपने पैतृक घर पहुंचेंगे. उनके पिता दरभंगा जिले के गांव में अकेले रहते थे. 8 वर्ष पहले ही पत्नी का निधन हो गया था. जीतन के दो बेटे और एक बेटी है, दोनों बेटा बाहर रहता है और बेटी रिंकू सहनी की शादी हो गई है. वो मुंबई में रहती है. मिली जानकारी के अनुसार जीतन के घर में दो नौकर और ड्राइवर आते जाते रहते थे.
मुकेश सहनी की राजनीतिक करियर
मुकेश सहनी एक समय बॉलीवुड में सेट डिजाइन का भी काम कर चुके है. 2013 में वे राजनीति में अपना कदम रखा था. मुकेश सहनी को बिहार में लोग ‘सन ऑफ मल्लाह’ भी कहते है. वो निषाद/मल्लाह समाज से आते हैं. इससे अपने समुदाय से जुड़े वोटर्स पर खासी पकड़ रखते हैं. राजनीतिक में कदम रखने के बाद से अब तक मल्लाहों की राजनीति करते रहे हैं. उनके लिए निषाद जाती बड़ा वोट बैंक है. निषाद जाती पासवान समेत अन्य जातियों से काफी ज्यादा है. बिहार में मल्लोहों की जनसंख्या 7% है. जबकी सहनी इस समुदाय की जनसंख्या लगभग 14 प्रतिशत हैं.
तेजस्वी यादव के खास हैं मुकेश
तेजस्वी यादव के खास माने जाते हैं मुकेश सहनी की VIP पार्टी महागठबंधन और इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है. मुकेश राजद नेता तेजस्वी यादव का बेहद खास माना जाता है. हाल ही में दोनों के हेलिकॉप्टर वाला वीडियों काफी चर्चाओं में रहा था. इस बार के लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. राजद ने अपने खाते से चुनाव के लिए VIP पार्टी को तीन सीटें दी गई थीं.
सहनी एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल
मुकेश सहनी पहली बार 2014 में राजनीति गलियारों में चर्चा में आए थे. उस समय वो बीजेपी नेता अमित शाह के साथ बिहार की रैलियों और चुनाव प्रचार के लिए निकले थे. उस समय सहनी की खुद की पार्टी नहीं थी. वो एनडीए में थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में वो महागठबंधन का हिस्सा बन गए थे. उस समय भी तीन सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ें, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. सहनी खुद खगड़िया लोकसभा सीट से हार गए थे.