पेरिस: फ्रांस के संसदीय चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने से त्रिशंकु संसद बन गया है. हालांकि चुनाव में वामपंथी गठबंधन न्यू पापुलर फ्रंट (एनएफपी) ने सबसे अधिक सीटें जीतकर धुर दक्षिणपंथियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. वहीं, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां का समय से पहले संसदीय चुनाव कराने का दांव उलटा पड़ गया. कुल 577 सीटों पर हुए चुनाव में वामपंथी गठबंधन एनएफपी 182, मैक्रां के मध्यमार्गी गठबंधन को 168 और मरीन ली पेन गठबंधन को 143 सीट मिली है. जबकि बहुमत के लिए 289 का आंकड़ा जरूरी है.
मतगणना में मैक्रां का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे और मरीन ली पेन की दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली व उसके सहयोगी तीसरे स्थान पर रहे. इससे पहले एग्जिट पोल में आश्चर्यजनक रूप से दक्षिणपंथियों की जगह वामपंथियों की बढ़त का अनुमान जताने के बाद पूरे फ्रांस में हिंसा भड़क गई. वीडियो फुटेज में नकाबपोश प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर दौड़ते, आग लगाते हुए और अशांति फैलाते देखा गया.
चुनाव परिणामों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री गैब्रियल अट्टल के इस्तीफे की पेशकश को राष्ट्रपति मैक्रों ने ठुकरा दिया, कहा-देश की स्थिरता के लिए वह स्थायी व्यवस्था होने तक पद पर बने रहें. फ्रांस में 30 जून को हुए पहले चरण के मतदान के बाद दक्षिण पंथी पार्टी नेशनल रैली आगे थी, लेकिन रविवार को दूसरे चरण के मतदान के बाद सोमवार को मतगणना में उभरी तस्वीर से आने वाले दिनों में राजनीतिक उठापठक का खतरा उत्पन्न हो गया है. राष्ट्रपति मैक्रों का कार्यकाल अभी तीन वर्ष शेष है. उन्हें नीतियों के कार्यान्वयन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
हिन्दुस्थान समाचार