किशनगंज: कांग्रेस पार्टी में जारी फूट खुल कर सामने आ चुकी है. विधान सभा चुनाव में भले ही अभी एक साल से अधिक समय है लेकिन सीमांचल में राजनीतिक दलों के द्वारा तैयारी शुरु कर दिया गया है.
कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता तौसीफ आलम के साथ साथ एक दर्जन नेताओं को पार्टी से निष्कासित किए जाने को लेकर कांग्रेस के किशनगंज जिलाध्यक्ष इमाम अली चिंटू ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी सहित अन्य नेताओं को पत्र लिखा है.
अपने पत्र में जिलाध्यक्ष ने लिखा है कि तौसीफ आलम ने हमेशा पार्टी विरोधी कार्य किया है और बीते लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने एआईएमआईएम का सहयोग किया था. जिससे की एआईएमआईएम बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहा है.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान तौसीफ आलम के आवास पर आयोजित भोज में शामिल हुए थे जिसके बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया था की तौसीफ आलम जदयू में शामिल हो सकते है. हालाकि तौसीफ आलम ने कहा था की मंत्री जी की उनसे दोस्ती है इसीलिए उन्हें खाने पर आमंत्रित किया गया था. अब जिलाध्यक्ष ने पत्र भेज कर पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग करते हुए लिखा है कि पूर्व विधायक राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भी वो शामिल नहीं हुए थे और उन्होंने लोकसभा चुनाव में जदयू से टिकट के लिए दावेदारी भी किया था. इसीलिए उन पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस नेता असगर अली पीटर, आबिद आलम, अमन रेजा, जहांगीर आलम, जावेद इकबाल, नूरुल हुदा, इश्तियाक, मुस्तकीम अंसारी, मो. नसीम अख्तर को भी पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग की है. जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह को भी प्रतिलिपि भेजा है.
उल्लेखनीय है कि तौसीफ आलम लगातार चार बार बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे है और उनकी नजदीकिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी रही है. बीते विधान सभा चुनाव में एआईएमआईएम नेता अंजार नईमी ने उन्हें हरा दिया था. वही अंजार नईमी अब राजद में शामिल हो चुके है. बिहार में कांग्रेस राजद में गठबंधन के कारण इस सीट पर अब राजद की दावेदारी होगी. जिसके बाद इस चर्चा को और बल मिलता है की तौसीफ आलम जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो सकते है.
हिन्दुस्थान समाचार