आत्मनिर्भर भारत के लिए बेहद अच्छी खबर है. भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में रक्षा उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ा और सर्वोच्चत स्तर पर पहुंच गया है.
आकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में (2019-20 से), रक्षा उत्पादन के मूल्य में 60% से अधिक की वृद्धि हुई है. रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मूल्य के संदर्भ में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है.
सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले अन्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड-उच्च आंकड़े यानी 1,26,887 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है, जो दर्शाता है पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7% की वृद्धि है. वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, “पीएम श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम साल दर साल नए मील के पत्थर पार कर रहा है.” राजनाथ सिंह ने डीपीएसयू, रक्षा सामग्री बनाने वाले अन्य पीएसयू और निजी उद्योग सहित हमारे उद्योग को बधाई देते हुए कहा कि सरकार भारत को अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अधिक अनुकूल व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
हिन्दुस्थान समाचार