दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं. दरअसल केजरीवाल को CBI ने बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से गिरफ्तार कर 3 दिन के लिए हिरासत में ले लिया है. CBI शराब घोटाले को लेकर जांच करेगी. लेकिन ईडी भी पहले से ही शराब घोटाले मामले पर ही जांच कर रही है. तो आइए जानते है कौन सी जांच एजेंसी किस मामले में जांच कर रही है?
ईडी इस मामले की जांच कर रही
ईडी ने मार्च में मनी लॉड्रिंग के ममाले में सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. इस समय केजरीवाल पर एक ही आरोप था, पैसो का लेनदेन और उसका इस्तेमाल करना. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 के तहत पैसों को छुपाने, कब्जा करने, उसका उपयोग और गलत पैसों को बेदाग संपत्ति के तौर पर पेश करना जैसे अपराध शामिल हैं. ईडी ने आरोप लगाया कि ये पैसा थोक शराब कारोबार को निजी संस्थाओं को देने के लिए था.
इस मामले में CBI की जांच
ईडी ने शराब घोटाले से जुड़ें मनी लॉड्रिंग ममाले में जांच कर रही है. वहीं CBI ये जांच कर रही है कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं. इसमें CBI को लेन-देन साबित करना होगा.
लेकिन इन सब के बीच ये सवाल उठता है कि CBI ने अब तक केजरीवाल को क्यों नहीं गिरफ्तार किया था? दरअसल CBI पहले भी गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन इसके लिए ठोस सबूत जुटाने की जरूरत होती है, बिना सबूत के कोर्ट में टिके रहना चुनौतीपूर्ण होगा.
कितना चुनौतीपूर्ण है जमानत?
ईडी पीएमएलए एक्ट के तहत मनी लॉन्ड्रिंग को अपराध बनाता है. इसमें जिसमें अंतरिम जमानत नहीं मिलती है. जमानत के लिए कोर्ट फैसला करेगी. ईडी इस एक्ट के तहत बिना किसी वारंट के अभियुक्त को गिरफ्तार कर सकता है. इसके साथ ही लंबे समय तक कस्टडी में रख सकता है.