आज पूरे देश में नीट पेपर लीक मामले को लेकर होहल्ला हो रहा है. पेपर लीक के तार बिहार और झारखंड से जुड़े हुए है. बिहार पुलिस रोज नए-नए खुलासे कर रही है. पुलिस ने झारखंड के देवघर से कुछ अपराधियों की तलाशी कर रही है.ऐसा कहा जा रहा है कि इन अपराधियों का नीट पेपर लीक मामले में बड़ा हाथ हो सकता है.
वहीं, इस ममाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कहा जा रहा है कि हजारीबाग के एक सेंटर से सबसे पहले पेपर लीक हुआ था.
मिली जानकारी के अनुसार पटना में जो जली हुई प्रश्न पत्र की बुकलेट मिली, उससे ये पता चला है कि पेपर पहले हजारीबाग के सेंटर से लीक हुआ था.
नीट पेपर लीक के आरोपी सिकंदर यादवेंद्र ने ये स्वीकार कर लिया है कि 30-32 लाख रुपए में अमित आनंद और नीतीश कुमार से उसने पेपर खरीदा था. फिर उसने समस्तीपुर के अनुराग यादव, दानापुर पटना के आयुष कुमार, गया के शिवनंदन कुमार और रांची के अभिषेक कुमार को यही पेपर 40-40 लाख रुपए में बेच दिया था. परीक्षा के एक दिन पहले 4 मई को पटना के रामकृष्णा नगर में इन चारों अभियर्थियों को पेपर के सारे उत्तर पूरी रात रटवाया था.
पुलिस इस मामले में मास्टरमाइंड संजीव मुखिया उर्फ लूटन को तलाश कर रही है. संजीव मुखिया पहले चपराससी था. फिर वह एक गांव की पंचायत का मुखिया बन गया. वो पहले भी जेस जा चुका है. संजीव मुखिया का बेटा शिव कुमार पहले से ही दो मामलों में जेल में बंद है. फिलहाल संजीव मुखिया फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.