पूरे दुनिया में आज 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर के दौरे पर है. यहां उन्होंने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) पर योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया और साथ ही योगाभ्यास भी किया.
योग दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे कश्मीर आने का सौभाग्य मिला है. हमें योग से जो शक्ति मिलती है, मैं श्रीनगर में उसे महसूस कर रहा हूं. मैं दुनिया के कोने-कोने में योग करने वालों को कश्मीर की धरती से योग दिवस की बधाई देता हूं.
पीएम मोदी ने आगे कहा, ” मैंने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था. भारत के उस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था, जो अपने-आप में एक रिकॉर्ड था. तब से योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. 2015 में दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 35 हजार लोगों ने एक साथ योग किया.”
कश्मीर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू कश्मीर योग-साधना की भूमि है. इससे उत्पादकता और सहनशक्ति बढ़ती है. योग से नए अवसर पैदा हुए हैं. योग केवल विद्या नहीं बल्कि विज्ञान है. योग से एकाग्रता बढ़ती है. योग पर अब रिसर्च हो रही है। योग टूरिज्म का नया ट्रेंड बन गया है.”
आगे उन्होंने कहा कि सूचना और संचार के युग में ध्यान केंद्रित करना बहुत कठिन हो गया है. ऐसे में लोगों को योग करने की बहुत जरूरत हो गई है. पीएम ने कहा कि एस्ट्रोनॉट भी योग करते हैं.
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस वर्ष फ्रांस की 101 वर्ष की आयु वाली महिला योगा शिक्षिका को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपना सारा जीवन योग को लेकर जागरूकता फैलाने में लगा दिया. आज देश-दुनिया के बड़े बड़े शिक्षा संस्थानों में योग पर रिसर्च की जा रही है. योग पर रिसर्च पेपर पब्लिश हो रहे हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस को लेकर प्रस्ताव रखा था. 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने योग दिवस मनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया था. इसके बाद से ही 21 जून 2015 को पहली बार देश में योग दिवस मनाया गया और ये लगातार जारी है.