यूपी की राजधानी लखनऊ के टीले वाली मस्जिद और लक्ष्मण टीला विवाद में कोर्ट ने कल बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. मुस्लिम पक्ष ने ये दावा किया था कि मस्जिद की भूमि वक्फ की संपत्ति है. जिस पर सिविल जज जूनियर डिवीजन अभिषेक गुप्ता ने सुनवाई के दौरान इस दावा को खारिज कर दिया है.
वहीं दूसरी तरफ हिन्दू पक्ष ने लक्ष्मण टीला होने की बात कही थी. हिन्दू पक्ष के वकील नृपेंद्र पांडेय ने कहा कि इस फैसले में कोर्ट मानती है कि ये जमीन हिंदुओं की है. अब इस मामले में सर्वे कमीशन अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
बता दें कि वर्ष 2018 में लक्ष्मण टीले के पास नगर निगम के पार्क में लक्ष्मण जी की मूर्ति विस्थापित करने के प्रस्ताव का मस्जिद के मौलाना ने विरोध किया था. इस प्रस्ताव को नगर निगम की कार्यकारिणी से पास किया था. इस मामले में उस समय वसीम रिजवी ने खुलासा किया था कि मूर्ति विस्थापित करने के प्रस्ताव के खिलाफ मौलाना और शाही इमाम ने खुद अवैध रूप से मस्जिद में निर्माण कराया था.
अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि इसकी लड़ाई हिन्दू महासभा लगातार लड़ रही है. शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि जैसे अयोध्या में राम मंदिर का मामला हिंदू पक्ष में आया, उसी तरह हिंदुओं को लक्ष्मण टीला भी मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि योगी राज में लखनऊ में एक लक्ष्मण मंदिर स्थापित होगा. इसके साथ ही चतुर्वेदी ने वक्फ पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ एक काला कानून है, जो हिंदुओं के अधिकारों को खत्म करता है. इस वक्त बोर्ड को खत्म करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.