उत्तर प्रदेश में मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने समय अब दहेज की जानकारी भी देनी होगी. इस संबंध में शासन ने आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आधार कार्ड, शादी का कार्ड, स्कूल की मार्कशीट और दो गवाहों के एफिडेविट दस्तावेज भी लगाए जाते हैं. अब इसके साथ ही दहेज का भी विवरण देना अनिवार्य हो गया है. इसके लिए प्रदेश के सभी दफ्तरों में नोटिस भी भेज दी गई है.
इस संबंध में अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने विवाह प्रमाण पत्र के साथ शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया है. और सभी को आदेश दिया गया है कि डॉक्यूमेंट के साथ दहेज का प्रमाण पत्र भी दें.
इन जगहों पर मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है:
- अगर किसी दंपति को जाॅइंट खाता खुलवाना है तो मैरिज सर्टिफिकेट देना होता है.
- बीमा कराते समय भी मैरिज सर्टिफिकेट देना होता है.
- बाहर किसी दूसरे देश में स्थायी रूप से रहने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना जरूरी होता है.
- अगर शादी के बाद कोई महिला सरनेम नहीं बदलना चाहती है तो मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है.
- लोन लेने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट देना होता है.
- कानूनी मामलों के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है.
बता दें कि किसी पति-पत्नी को शादी के 30 दिन के अंदर मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होता है. इसके अलावा दंपति अतिरिक्त फीस के साथ 5 वर्ष तक मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं.5 वर्ष से ज्यादा होने पर जिला रजिस्ट्रार की अनुमति से ही आवेदन करना होता है.