बिहार में लोकसभा चुनाव के पांच सीटों पर पांचवें चरण का चुनाव 20 मई को होना है. बिहार के 40 लोकसभा सीटों में पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में मतदान संपन्न हो चुका है. इनमें मधुबनी, सीतामढ़ी, सारण, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव संपन्न होंगे. हाजीपुर लोकसभा सीट सबसे ज्यादा हॉट सीट बना हुआ है. शुरू से ही गंगा और गंडक नदियों के संगम वाला यह क्षेत्र समाजवादियों के प्रभाव वाला क्षेत्र माना गया है. इसलिए यहां का चुनाव कई मुद्दे पर लड़े जाते रहे है. 1977 लोकसभ चुनाव से पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा होता था, लेकिन बाद के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान ने सेंध लगाई थी. हाजीपुर में रामविलास पासवान और उनके परिवार का ही झंडा लहराया. फिलहाल इस सीट पर पशुपति कुमार पारस, लोक जन शक्ति पार्टी सांसद है. 2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले NDA ने यहां से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता शिवचंद्र राम के प्रत्याशी के बीच है. तो आइए जानते है क्या कहता है इस बार का चुनावी समीकरण..
हाजीपुर लोकसभा सीट का इतिहास
हाजीपुर संसदीय सीट पर कुल 17 बार आम चुनाव हुए. इस सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यहां पर सबसे पहले लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था. जिसमें कांग्रेस ने 1952 से 1971 तक लगातार जीत दर्ज की. हाजीपुर सीट पर सबसे ज्यादा रामविलास पासवान ने जीत हासिल की थी. जनता ने उन्हें 8 बार सासंद बनाया था. जनता ने रामविलास पासवानके बाद उनके परिवार पर भी भरोसा जताया. फिलहाल हाजीपुर के सांसद रामविलास के भाई पशुपति पारस (Pashupati Paras) हैं.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रामविलास पासवान का नाम दर्ज
1977 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट एससी के लिए आरक्षित कर दी गई थी. उस दौरान युवा नेता रामविलास पासवान ने कांग्रेस के उम्मीदवार को न सिर्फ मात दी थी बल्कि एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज किया था. रामविलास पासवान ने देश में सबसे ज्यादा 4 लाख 69 हजार 7 वोट हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम ने देश में सबसे अधिक 4 लाख 69 हजार 7 वोट हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था.
1980 के लोकसभा चुनाव में भी रामविलास ने जीत जीत हासिल की थी. 1984 के आम चुनाव में रामविलास पासवान को हार मिली थी. कांग्रेस नेता रामरतन ने उन्हें हराया था. लेकिन 1989 में रामविलास पासवान ने जोरदार वापसी की. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार महावीर पासवान को 5 लाख 4 हजार 448 मतों से हराया था. 2019 में अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए रामविलास पासवान ने अपने भाई पशुपति पारस को चुनावी मैदान में उतारा था. पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था. इसके बाद रामविलास पासवान ने अपने पुत्र चिराग पासवान चुनावी मैदान में उतारा था. 2019 के चुनाव में रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच मतभेद दिखे. हालांकि, पिछला चुनाव पशुपति पारस ही जीते थे.
हाजीपुर लोकसभा सीट का सियासी गणित
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीट आती है. जिसमें हाजीपुर, लालगंज, महनार, महुआ, राजापाकर और राघोपुर शामिल हैं. बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सीटों को लेकर बंटवारा हो चुका है. इसमें हाजीपुर सीट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास LJP (RV) के खाते में आई. इस बार के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA ने यहां से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता शिवचंद्र राम के बीच मुख्य मुकाबला हो रहा है.
जातीय समीकरण की बात करें तो हाजीपुर में हिंदुओं की आबादी अधिक है. यहां सबसे ज्यादा 2.75 लाख मतदाता यादव जाति के हैं. करीब 2.50 लाख मतदाता पासवान और 2.50 लाख राजपूत जाति के हैं. 1.50 लाख वोटर भूमिहार और 1.25 लाख कुशवाहा हैं. कुर्मी और ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 1.25 लाख है. लगभग 80 हजार वोटर रविदास जाति के हैं.