इस्लामाबाद: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लगातार बढ़ती महंगाई से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस घटनाक्रम ने शहबाज शरीफ सरकार को घुटनों पर ला दिया है. सरकार ने पीओके के लिए तत्काल 23 अरब रुपये का बजट मंजूर किया और स्थानीय सरकार ने बिजली दरों व ब्रेड की कीमतों में कटौती की घोषणा की लेकिन ये घोषाणाएं अबतक लोगों का गुस्सा शांत नहीं कर पाई हैं.
पीओके में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण है. शुक्रवार से इस क्षेत्र में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. एक दिन पूर्व सोमवार को चौथे दिन भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबरें हैं. प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ टकराव में अबतक मरने वालों की संख्या तीन हो गई है. जिनमें दो प्रदर्शनकारी और एक एसआई शामिल है. रविवार को झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
दरअसल, जरूरी चीजों के दाम बढ़ने और टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ पीओके में 10 मई से सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारियों और वकीलों द्वारा गठित संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी ने राजधानी मुजफ्फराबाद मार्च करने का आह्वान किया. सोमवार को भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद की ओर लॉन्ग मार्च जारी रखा. पुलिस ने इस मार्च को रोकने के लिए बल प्रयोग किया जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं. लोग संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के लगभग 70 सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने से नाराज थे जिसके बाद हिंसा भड़की.
उल्लेखनीय है कि रविवार को भीड़ में किसी ने पुलिस के एसआई अदनान कुरेशी की गोली मारकर हत्या कर दी. जिसके बाद झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए, इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे. अब तक दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हुई है.
इसके साथ ही पीओके के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोग अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं. बिजली वितरण में इस्लामाबाद सरकार की तरफ से भेदभाव किए जाने के आरोप में नीलम-झेलम परियोजना द्वारा उत्पादित 2,600 मेगावाट जलविद्युत का उचित हिस्सा नहीं मिलने की शिकायतें हैं.
इस बीच, प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये का बजट आवंटित किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हालात के बारे में चिंता जताई. उन्होंने सोमवार को प्रदर्शनकारियों और स्थानीय सरकार से बातचीत के बाद पीओके को तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये के बजट की मंजूरी दी. शरीफ सरकार की घोषणा के बाद पीओके के प्रधानमंत्री हक ने बिजली दरों में कटौती की घोषणा की. उन्होंने ब्रेड की कीमतों में भी कटौती की घोषणा की.
उल्लेखनीय है कि बिजली और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के विरोध में व्यापारी शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए. अगस्त 2023 में भी ऊंचे बिजली दरों के खिलाफ ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए थे. बढ़ती ऊर्जा लागत के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दो साल से अधिक समय से अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रही है.
हिन्दुस्थान समाचार