गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आइएफएसओ) यूनिट ने अब तक 8 राज्यों के 16 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है.
29 अप्रैल को आइएफएसओ ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता अस्मा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया संयोजक नवीन को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस दिया है. इन्हें एक मई को सुबह 10:30 बजे दिल्ली स्थित आइएफएसओ मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है.
पुलिस ने सभी को मोबाइल और इलेक्ट्रानिक गैजेट जैसे लैपटाप आदि साथ लेकर आने को कहा है ताकि जांच से यह पता लगाया जा सके कि उन्हें फेक वीडियो किसने भेजा और इन्होंने उसे कब पोस्ट किया.
आइएफएसओ की एक बड़ी टीम इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म को देखकर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बीते 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन-किन लोगों ने अब तक शेयर किया है.
वीडियो में क्या है?
तीसरे चरण के चुनाव के पहले फेक वीडियो के माध्यम से भाजपा को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का विरोधी साबित करने का प्रयास किया गया है. फेक वीडियो में अमित शाह को आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए उसे खत्म करने का ऐलान करते दिखाया गया था. जबकि असल वीडियो में शाह एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण को बनाए रखने की बात कर रहे हैं.
इंटरनेट मीडिया पर शाह का फेक वीडियो प्रसारित होने का मामला सामने आने के बाद गृह मंत्रालय से 28 अप्रैल को आइएफएसओ को फेक वीडियो मामले में शिकायत मिली जिसके बाद पुलिस तुरंत कार्रवाई में जुट गई.