कांग्रेस के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह को छपरा के एमपी-एमएलसी कोर्ट ने अपहरण व हत्या मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 20000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई. इसी मामले में दो आरोपी संजीव सिंह एवं पूर्व मुखिया देवनाथ राय को कोर्ट ने साक्षय के अभाव में बरी कर दिया है. बता दें कि तारकेश्वर सिंह वर्तमान में मशरक विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं.
क्या है पूरा मामला?
इस हत्याकांड मामले में तारकेश्वर सिंह पर तुर्की ग्राम निवासी बाबूलाल गुप्ता ने 10 जनवरी 1996 को अपने भाई शत्रुघ्न प्रसाद को गोली मारने और अपने भाई शत्रुघ्न प्रसाद को गोली मारने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में कहा था कि वह अपनी दुकान पर बैठे थे, इसी दौरान सात-आठ बाइक पर दो-दो व्यक्ति सवार होकर किराना दुकान पर पहुंचे. सभी के हाथ में बंदूक थी. बाइक से उतरते ही तारकेश्वर सिंह ने आदेश दिया कि गोली चलाओ, आदेश दिया कि बॉडीगार्ड ने गोली चला दी. गोली लगते ही शत्रुघ्न प्रसाद जमीन पर गिर गए. इसके बाद आरोपियों ने उनके भाई को अगवा कर ले गए. काफी छानबीन के दो दिन बाद मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में शव मिला था.