कर्नाटक सरकार ने मुस्लिमों को ओबीसी यानी पिछड़ा वर्ग में शामिल किया है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी है. एमबीसीसी ने कर्नाटक सरकार का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की है.
आयोग ने प्रेस रिलीज कर बताया कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है. श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सभी मुस्लिमों को ओबीसी: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के रूप में माना गया है.
जिन 17 मुस्लिम समुदायों को श्रेणी 1 में ओबीसी माना गया उनमें नदाफ, जोहारी, पिंजर, छप्परबंद, कसाब, नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, फुलमाली (मुस्लिम), सिक्कालिगर, दरवेश, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा और पिंजारी शामिल हैं.
एमबीसीसी के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में पूछा था कि किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है. एमबीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिला. आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार के इस फैसले की आलेचना करते हुए कहा कि इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की हानि हो रहीं है.